Last Modified: Sunday, 7 June 2020

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Last Modified: Tuesday, 2 June 2020

हनुमानगढ़ जिला कलेक्टर

हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टर - जाकिर हुसैन

आईएएस जाकिर हुसैन

मूल रूप से झुंझुनूं जिले के रहने वाले जाकिर हुसैन का जन्म 29 जनवरी 1962 को हुआ। इससे पहले प्रबंध निदेशक, राजस्थान सहकारिता डेयरी फेडरेशन लिमिटेड जयपुर एवं संयुक्त शासन सचिव, वित्त (व्यय-।।।) विभाग, जयपुर के पद पर सेवारत रहे।

वर्ष 2017 नवंबर माह में लेखा सेवा से आईएएस बने जाकिर हुसैन के परिवार में कई अफसर हैं। 


हुसैन पांच भाइयों में से सबसे छोटे हैं। उनसे बड़े भाई अशफाक हुसैन पहले से ही आईएएस है। वह आरएएस से आईएएस बने थे। उनसे भी बड़े भाई लियाकत अली आईपीएस से रिटायर हुए। लियाकत अली आरपीएस से आईपीएस बने थे। एक भाई प्राइवेट जॉॅब में और एक भाई शिक्षक है। परिवार की दूसरी पीढ़ी में भी कई अफसर हैं। लियाकत अली के पुत्र शाहीन अली आरएएस हैं, शाहीन की प|ी मोनिका अग्रवाल राजस्थान जेल सर्विस की अधिकारी हैं। आईएएस अशफाक हुसैन की पुत्री फरहा हुसैन आईआरएस अफसर हैं, फरहा के पति कमर आईएएस हैं। 
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Last Modified: Wednesday, 15 May 2019

Top College List of Hanumangarh

Hanumangarh's Top College Institutions



Swami Keshwanand G V College, Sangaria
Courses
  • Bachelor of Arts (BA Computer Application)
  • Bachelor of Commerce in Computer Applications (BCCA)
  • Bachelor of Science (BSc Computer Application)
  • Bachelor of Computer application (BCA)
  • Master of Science (MSc Chemistry)
Affiliated toMaharaja Ganga Singh University, Bikaner
Phone01499-220079, 01499-220250 ,9414046966

Gramotthan Vidyapeeth Home Science Women College, Sangaria
Courses
  • Bachelor of Arts (BA)
  • Bachelor of Science (BSc)
  • Bachelor of Computer application (BCA)
  • Master of Arts (MA Hindi)
  • Master of Arts (MA English)
Established1994
Affiliated toMaharaja Ganga Singh University, Bikaner
Phone01499-251415, Cell: 094145-08733, 096604-55494
Emailinfo@gvhmswcollege.org
WebsiteVisit Website


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Top Schools List of Hanumangarh

यहां हम आपको हनुमानगढ़ जिले के 12 वी तक की पढ़ाई के अच्छे शिक्षण संस्थानों की सूची बताएंगे



Government Senior Secondary School

Ward-14, Parlika, Main Road, Hanumangarh Town, Near Parlika Government Primary School
Hanumangarh - 335513, Rajasthan, India
Phone: (01555) 262250
Details:
  • Senior Secondary School
  • Rajasthan Board of Secondary Education
  • Government School
  • Co-Educational School

Gyandan Global School

Opposite UCO Bank, Hanumangarh Town
Hanumangarh - 335513, Rajasthan, India
Phone: (01552) 224004
Details:
  • Nursery - Class VIII
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School


Little Flower Convent School

P.B. No. 17, Abohar - Sri Ganganagar Bypass
Hanumangarh - 335512, Rajasthan, India
Phone: (01552) 262021, 262071
Details:
  • Play - Class X
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School
  • Established in 1999



National Public School


Court Road
Hanumangarh - 3335512, Rajasthan, India
Phone: (01552) 260683
Details:
  • Nursery - Class XII
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School
  • Established in 1981


Sanskar International Academy


Sri Ganganagar Road, Industrial Area, Hanumangarh Junction
Hanumangarh - 335513, Rajasthan, India
Phone: (01552) 260338
Mobile : 8829077091
Details:
  • Class V - Class XII
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School
  • Established in 2004


Genius Little Flower Public School


Ward No. 3, Pilibangan
Hanumangarh - 335512, Rajasthan, India
Phone: (01508) 235211
Details:
  • Class V - Class XII
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School


Kidzee - Sangaria


Plot No. 2, Near Shani Mandir Road, Sangaria Mandi
Hanumangarh - 335063, Rajasthan, India
Mobile : 9549321177
Details:
  • Play - Nursery
  • Private School
  • Co-Educational School

SKM Public School

Gramotthan Vidyapeeth, Sangaria
Hanumangarh - 335063, Rajasthan, India
Phone: (01499) 251310, 251539
Mobile : 9414630199
Details:
  • Senior Secondary School
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School

Swami Keshwanand Memorial Public School - SKM

Gramotthan Vidyapeeth Sangaria
Hanumangarh - 335063, Rajasthan, India
Phone: (01499) 251310, 251539
Mobile : 9414630199 (Principal)
Details:
  • Senior Secondary School
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School
  • Established in 1996

Tagore International Senior Secondary School

Hanumangarh - 335501, Rajasthan, India
Phone: (01504) 224424, 224434
Details:
  • Class V - Class XII
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School

Vyapar Mandal Public School

Suratgarh Road Pilibangan, Hanumangarh Town Bazar
Hanumangarh - 335803, Rajasthan, India
Phone: (01594) 223091
Details:
  • High Secondary School
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School

Jawahar Navodaya Vidyalaya - JNV Hanumangarh

Pallu, Tehsil- Rawatsar
Hanumangarh - 335524, Rajasthan, India
Phone: (01502) 220226, 220227
Fax : (01502) 220227
Details:
  • Class V - Class XII
  • CBSE Board
  • Government School (Navodaya Vidyalaya)
  • Co-Educational School

Gramotthan Vidyapeeth Girls Senior Secondary School

Gramotthan Vidyapeeth Sangaria
Hanumangarh - 335512, Rajasthan, India
Phone: (01499) 220026
Fax : (01499) 220050
Details:
  • Senior Secondary School
  • Private School
  • Girls Only School

Gramotthan Vidyapeeth Primary School

Gramotthan Vidyapeeth Sangaria
Hanumangarh - 335063, Rajasthan, India
Phone: (01499) 220026
Fax : (01499) 220050
Details:
  • Primary School
  • Private School
  • Co-Educational School
  • Established in 1950


GR Global Academy

Kenchiya, Post – Khothanwali, Tehsil – Pilibanga
Hanumangarh - 335802, Rajasthan, India
Mobile : 9414318247, 9414369167, 9001691423, 9950630439
Details:
  • Nursery - Class XII
  • CBSE Board
  • Private School
  • Co-Educational School
  • Established in 2005

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Last Modified: Saturday, 20 April 2019

History of Bhatner Fort, Hanumangarh

दर्शनीय स्थल भटनेर दुर्ग का इतिहास



निर्माता  - अभय राव भाटी
निर्माण काल - 295 ई.
भौगोलिक स्थिति - 29° 37′ 0″ उत्तर, 74° 20′ 0″ पूर्व
प्रसिद्धि - पर्यटन स्थल





  • भूपत' के पुत्र 'अभय राव भाटी' ने 295 ई. में इस क़िले का निर्माण करवाया था।
  • यह क़िला भारतीय इतिहास की कई महत्त्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी भी रहा है।
  • मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच प्रसिद्ध तराइन का युद्ध यहीं पर हुआ था।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक, तैमूर और अकबर ने भी भटनेर में शासन किया है।
  • तैमूर ने अपनी आत्‍मकथा 'तुजुक-ए-तैमूरी' में लिखा है कि 'मैंने इस क़िले के समान हिन्दुस्तान के किसी अन्‍य क़िले को सुरक्षित और शाक्तिशाली नहीं पाया है।'
  • बीकानेर के सम्राट 'सूरत सिंह' ने 1805 ई. में भाटी से लड़ाई जीत कर इस स्थान पर क़ब्ज़ा कर लिया था। जिस दिन वह लड़ाई जीते उस दिन मंगलवार था। हनुमानगढ़ को तभी से भटनेर के साथ 'हनुमानगढ़' के नाम से भी जाना जाता है।


प्राचीन दिल्ली मुल्तान व्यापारिक मार्ग पर बने होने के कारण Bhatner Fort का अपना अलग ही सामरिक महत्त्व था| भगवान कृष्ण के वंशज यदुवंशी भाटी राजपूतों की वीरता और पराक्रम का साक्षी रहा यह दुर्ग बीकानेर से लगभग 144 मील उत्तर पूर्व में हनुमानगढ़ जिले में स्थित है| घघ्घर नदी पर बना यह दुर्ग “उत्तर भड़ किंवाड़” के यशस्वी विरुद से विभूषित भाटी व राठौड़ राजपूतों की अनेक गौरव गाथाओं को अपने में समेटे, अतीत की अनमोल ऐतिहासिक, सांस्कृतिक धरोहर को संजोये, काल की क्रूर विनाशलीला से अधिक हमारे उपेक्षापूर्व रवैये से आहत हुआ है| तैमूर जैसे क्रूर आक्रान्ता द्वारा उजाड़ने के बावजूद यह दुर्ग अपने चतुर्दिक चमकते बालुका कणों के रूप में भाग्य की विडम्बना पर आज अपने स्थान से अडिग खड़ा मूक हंसी हंस रहा है|
मध्य एशिया से होने वाले आक्रमणों को रोकने के लिए प्रहरी के रूप में भूमिका निभाने वाले इस किले के बारे में जनश्रुति है कि तीसरी शताब्दी के अंतिम चरण में यदुवंशी भाटी राजा भूपत ने इसका निर्माण करवाया था| आपको बता दें राजा भूपत ने गजनी के सुलतान के हाथों पराजय के बाद अपना राज्य खो दिया था| उनका राज्य लाहौर तक के विस्तृत भूभाग पर फैला था जो हाथ से निकलने के बाद उन्हें घघ्घर नदी के पास लाखी जंगल में शरण लेनी पड़ी| इस क्षेत्र में आने के बाद राजा भूपत ने इस उपजाऊ क्षेत्र में घघ्घर नदी के मुहाने एक सुदृढ़ किले का निर्माण कराया जो भाटी राजवंश के नाम पर भटनेर नाम से प्रसिद्ध हुआ|
मरुस्थल से घिरे इस किले का घेरा लगभग 52 बीघा भूमि पर फैला है| दुर्ग में अथाह जलराशि वाले कुँए है व किला विशाल बुर्जों द्वारा सुरक्षित है| किले का निर्माण लोहे के समान पक्की इंटों व चुने द्वारा किया गया है जो इसके स्थापत्य की प्रमुख विशेषता है| उत्तरी सीमा का प्रहरी होने के कारण भटनेर दुर्ग को जितने बाहरी आक्रमण झेलने पड़े, उतने शायद ही देश के किसी दुर्ग ने झेले होंगे| सन 1001 ई. में भटनेर दुर्ग को महमूद गजनवी का आक्रमण झेलना पड़ा| 13 वीं शताब्दी में यह दुर्ग सुलतान बलवान के अधीन रहा, उसका भाई शेरखां यहाँ का हाकिम रहा जिसने इस किले में रहते दुर्दांत मंगोलों का सफलतापूर्वक मुकाबला किया था|
1398 ई. में भटनेर दुर्ग को क्रूर लुटेरे तैमूर के आक्रमण का सामना करना पड़ा था| उस वक्त भटनेर के राजा राव दुलचंद ने लुटेरे तैमूर का मुकाबला किया पर वह उसे हार का सामना करना पड़ा| क्रूर तैमूर ने चार दिन तक भटनेर को खूब लूटा और किले में आश्रय लिए हजारों स्त्री – पुरुषों का बड़ी बेहरहमी से कत्ल किया| तैमूर ने भटनेर दुर्ग को पूरी तरह से उजाड़ कर रख दिया था| इस आक्रमण के बाद यह दुर्ग फिर भाटियों, जोहियों व चायलों के अधिकार में रहा| बाद में यह बीकानेर के राठौड़ शासकों के अधिकार में रहा| कई राजपूत राजवंशों व मुगलों के अधिकार में रहे इस दुर्ग पर अंतत: बीकानेर के महाराजा सूरतसिंह ने सन 1805 ई. में अधिकार कर लिया| महाराजा सूरतसिंह जी ने भटनेर दुर्ग पर पांच महीने घेरा रखने के बाद जाब्ता खां भट्टी से यह किला हासिल किया था|
1805 ई. में भाटी से लड़ाई जीत कर इस स्थान पर क़ब्ज़ा कर लिया था। महाराजा सूरतसिंहजी बीकानेर द्वारा मंगलवार को यह दुर्ग हस्तगत किये जाने के कारण भटनेर का नाम हनुमानगढ़ रख दिया गया और इस उपलक्ष में किले में हनुमानजी के एक मंदिर का निर्माण करवाया गया| महाराजा सूरतसिंह जी के पुत्र महाराजा दलपतसिंह जी के निधन के बाद उनकी छ: रानियाँ इसी दुर्ग में सती हो गई थी, जिनकी किले के प्रवेश द्वार पर एक राजा के साथ छ: स्त्रियों की आकृति बनी हुई है| बेशक किला आज जर्जर व भग्न अवस्था में है पर किले का इतिहास गरिमामय व गौरवशाली रहा है|  


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Last Modified: Thursday, 18 April 2019

हनुमानगढ़ की सामान्य जानकारी

जिला हनुमानगढ़ - एक परिचय


हनुमानगढ़ भारत के राजस्थान प्रान्त का एक शहर है। यह उत्तर राजस्थान में घग्घर नदी के दाऐं तट पर स्थित है। हनुमानगढ़ को 'सादुलगढ़' भी कहते हैं। यह बीकानेर से 144 मील उत्तर-पूर्व में बसा हुआ है। यहाँ एक प्राचीन क़िला है, जिसका पुराना नाम 'भटनेर' था। भटनेर, 'भट्टीनगर' का अपभ्रंश है, जिसका अर्थ भट्टी अथवा भट्टियों का नगर है।
Map of Hanumangarh

भौगोलिक स्थिति


हनुमानगढ़ जिला देश के गर्म इलाकों में आता है। गर्मियों में धूल भरी आंधियां तथा मई जून में लू चलती है, सर्दियों में चलने वाली ठंडी उत्तरी हवाओं को 'डंफर' कहते हैं। गर्मियों में यहाँ का तापमान ४५ डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा चला जाता है। हालाँकि सर्दियों में रातें अत्यधिक ठंडी हो जाती है और पारा शून्य तक गिर जाता है। ज्यादातर इलाका कुछ वर्षों पहले सूखा रेगिस्तान था, परन्तु आजकल करीब-करीब सारे जिले में नहरों से सिंचाई होने लगी है, अतः अब यह राजस्थान के हरे भरे जिलों की श्रेणी में आता है।


परिचयात्‍मक विवरण

हनुमानगढ जिले का गठन दिनांक 12-07-1994 को हुआ था तथा लोकसभा क्षेत्र व अन्‍य क्षेत्र निम्‍न प्रकार से है
  • लोकसभा संसदीय क्षेत्र - श्रीगंगानगर एवं चूरु
  • विधानसभा क्षेत्र - हनुमानगढ, संगरिया, पीलीबंगा, नोहर, भादरा
  • उपखण्‍ड - हनुमानगढ, संगरिया, पीलीबंगा, नोहर, भादरा, टिब्‍बी, रावतसर
  • तहसील - हनुमानगढ, संगरिया, पीलीबंगा, नोहर, भादरा, टिब्‍बी, रावतसर
  • जिला परिषद / नगरपरिषद - हनुमानगढ
  • नगरपालिका - संगरिया, पीलीबंगा, रावतसर, नोहर, भादरा
  • पंचायत समिति - हनुमानगढ, संगरिया, पीलीबंगा, नोहर, भादरा, टिब्‍बी, रावतसर
  • जिले की कुल ग्राम पंचायतो की संख्या - 251
  • जिले का भौगोलिक क्षेत्रफल - 9656.09 वर्ग मीटर



फसलें


रबी की मुख्य फसलें हैं - चना, सरसों, गेहूं, अरंड और तारामीरा। खरीफ की मुख्य फसलें हैं- नरमा, धान, कपास, ग्वार, मूंग, मोठ, बाजरा और ज्वार।


सिंचाई


घग्घर नदी इलाके की एकमात्र नदी है जो हनुमानगढ जिले बीच में से होकर गुजरती है जबकि इंदिरा गांधी फीडर प्रमुख नहर है। अन्य नहरें हैं भाखरा और गंग कैनाल से भी सिंचाई की जाती है यहां कुछ क्षेत्रों में टयूबवैल से सिंचाई भी की जाती है।


इतिहास 

प्राचीन काल में यह जगह भटनेर कहलाती थी, क्योंकि यहाँ भाटी गुर्जर भाटी राजपूतों का शासन था। जैसलमेर के भाटी राजा भूपत सिंह ने भटनेर का प्राचीन किला सन २९५ में बनवाया। सन १८०५ में बीकानेर के राजा सूरत सिंह ने यह किला भाटियों से जीत लिया था। इसी विजय को आधार मान कर, जो कि मंगलवार को हुई थी, इसका नाम हनुमानगढ़ रखा गया क्योंकि मंगल हनुमान जी का दिन माना जाता है। भटनेर किला उस जमाने का एक मज़बूत किला माना जाता था यहाँ तक कि तैमूर ने अपनी जीवनी 'तुजुके तैमूर' में इसे हिंदुस्तान का सबसे मज़बूत किला लिखा है। इसके ऊँचे दालान तथा दरबार तक घोडों के जाने के लिए संकड़े रास्ते बने हुए हैं। आज़ादी के बाद से यह भाग श्रीगंगानगर जिले के अर्न्तगत आता था जिसे १२ जुलाई १९९४ को अलग जिला बना दिया गया।

== जनसंख्या == 1580111


यातायात

यहां रेल व सड़क दोनों प्रकार के यातायात के साधन उपलब्ध हैं।

दर्शनीय स्थल

1 गुरुद्वारा सुखासिंह महताबसिंह- भाई सुखासिंह व भाई महताबसिंह ने गुरुद्वारा हरिमंदर साहब, अमृतसर में मस्सा रंघङ का सिर कलम कर बूढ़ा जोहड़ लौटते समय इस स्थान पर रुक कर आराम किया था।
2 भटनेर- हनुमानगढ़ टाउन में स्थित प्राचीन किला.
3 गोगामेडी- हिन्दू और मुस्लिम दोनों में समान रूप से मान्य गोगा/जाहर पीर की समाधि, जहाँ पशुओं का मेला भाद्रपद माह में भरता है।
4 कालीबंगा- 5000 ईसा पूर्व की सिन्धु घाटी सभ्यता का केंद्र, जहाँ एक साइट-म्यूजियम भी है।
5 नोहर- सन 1730 में दसवें गुरु गोविन्द सिंह के आगमन पर बनवाया गया कबूतर साहिब गुरुद्वारा | मिट्टी के बने बर्तनों के लिए भी प्रसिद्ध|
6 तलवाङा झील- यहाँ पर पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गौरी के बीच तराइन का युद्ध लड़ा गया था।
7 मसीतां वाली हेड-जहाँ से इंदिरा गांघी नहर राजस्थान में प्रवेश करती है।
8 'सिल्लामाता' मंदिर- माना जाता है कि मंदिर में स्थापित शिला का पत्थर घघ्घर नदी में बह कर आया था।
9 भद्र्काली मंदिर- घघ्घर नदी के किनारे बना प्राचीन मंदिर. 10. ब्राह्मणी मंदिर- कस्बा पल्लू मे मां ब्राह्मणी का प्राचीन पवित्र स्थल

शिक्षा

शिक्षा संन्त स्वामी केशवानन्द हनुमान गढ के ही संगरिया तहसील से थे।
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